Monday, 17 June 2024

विघ्नविनाशक-गणेश-द्वादशनामस्तोत्रम्



सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।

लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।।

धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।

द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि।।

विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।

संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।


हिन्दी अर्थ-

1.  सुमुख

2.  एकदन्त 

3.  कपिल

4.  गजकर्णक

5.  लम्बोदर 

6.  विकट

7.  विघ्ननाश

8.  विनायक

9.  धूम्रकेतु

10. गणाध्यक्ष 

11. भालचन्द्र

12. गजानन 


इन बारह नामों को 

विद्यारम्भकाल में,

विवाहकाल में,

प्रवेशकाल में,

निर्गम काल में (यात्रा के समय),

संग्राम के समय और संकट के समय 

जो पढे अथवा सुने भी, उन्हें कोई विध्न नहीं होता है।


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